Amazing currency of Zimbabw...जिम्बाब्वे के नोट
एक ऐसा देश जहाँ लोग झोले और ठेले पर भरकर नोट लोग निकलते है बाजार मे खरीदारी के लिए । यहाँ पर
झोले से भरे नोट के साथ लोग चलते हुए दिख जायेगे।
जी हा वह देश है जिम्बाब्वे जहाँ पर महंगाई इतनी बढ गयी है कि आपको चाहे छोटा समान लेना हो या बडा पैसे ज्यादा देने पड़ेंगे ,
इस देश मे जिसे गरीब कहा जाता है, उसके पास भी करोडो के नोट होंगे, वो भी करोड़पति है, मगर इनकी नोटो की वैल्यू
कम है ।
जब इस देश मे पैसे की कमी होने लगी तो जिम्बाब्वे की सरकार ने अंधाधुंध पैसा छापने लगी जिससे इन पैसो की वैल्यू कम हो गई ।
इसका नतीजा यह हुआ कि लोगो के पास ज्यादा पैसे इकट्ठे हो गये फिर महंगाई इतनी बढ गयी कि जिम्बाब्वे के लोगो अपनी जरूरत के समान खरीदने के लिए झोले भर भर के नोट देने पडे ।
1980 से पहले जिम्बाब्वे की करेंसी "रोडेशियन डॉलर " थी
1980 से लेकर 2009 तक जिम्बाब्वे की करेंसी
" जिम्बाबवियन डॉलर " थी
जिम्बाब्वे मे कई देशो की करेंसी का इस्तेमाल होता है ।
जिसमे "जापानी येन" "चाइनीज युआन" "आस्ट्रेलियाई और U S डॉलर का इस्तेमाल होता है ।
किसी भी देश मे एक अच्छी नीति होनी चाहिए और एक Planing के तहत नोट छापने चाहिए ।
जो शायद जिम्बाब्वे की सरकार के पास नही था । और बिना कोई Planing के नोट छापना शुरू कर दिया ।
किसी भी देश को अगर महंगाई कम करनी है , महंगाई पर काबू पाना है तो किसानी पर जोर देना चाहिए पैदावार बढाने चाहिए । खेती से इंडस्ट्रियल तक काम करने की जरूरत है । न कि वैल्यू से ज्यादा नोट छापने की।
उम्मीद है ये पोस्ट आपलोगो को पसंद आयेगी अगर पसंद आये तो लाइक करना नोट भूले।
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The world haunted railway station
एक ऐसा देश जहाँ लोग झोले और ठेले पर भरकर नोट लोग निकलते है बाजार मे खरीदारी के लिए । यहाँ पर
जी हा वह देश है जिम्बाब्वे जहाँ पर महंगाई इतनी बढ गयी है कि आपको चाहे छोटा समान लेना हो या बडा पैसे ज्यादा देने पड़ेंगे ,
इस देश मे जिसे गरीब कहा जाता है, उसके पास भी करोडो के नोट होंगे, वो भी करोड़पति है, मगर इनकी नोटो की वैल्यू
कम है ।
जब इस देश मे पैसे की कमी होने लगी तो जिम्बाब्वे की सरकार ने अंधाधुंध पैसा छापने लगी जिससे इन पैसो की वैल्यू कम हो गई ।
इसका नतीजा यह हुआ कि लोगो के पास ज्यादा पैसे इकट्ठे हो गये फिर महंगाई इतनी बढ गयी कि जिम्बाब्वे के लोगो अपनी जरूरत के समान खरीदने के लिए झोले भर भर के नोट देने पडे ।
1980 से पहले जिम्बाब्वे की करेंसी "रोडेशियन डॉलर " थी
1980 से लेकर 2009 तक जिम्बाब्वे की करेंसी
" जिम्बाबवियन डॉलर " थी
जिम्बाब्वे मे कई देशो की करेंसी का इस्तेमाल होता है ।
जिसमे "जापानी येन" "चाइनीज युआन" "आस्ट्रेलियाई और U S डॉलर का इस्तेमाल होता है ।
किसी भी देश मे एक अच्छी नीति होनी चाहिए और एक Planing के तहत नोट छापने चाहिए ।
जो शायद जिम्बाब्वे की सरकार के पास नही था । और बिना कोई Planing के नोट छापना शुरू कर दिया ।
किसी भी देश को अगर महंगाई कम करनी है , महंगाई पर काबू पाना है तो किसानी पर जोर देना चाहिए पैदावार बढाने चाहिए । खेती से इंडस्ट्रियल तक काम करने की जरूरत है । न कि वैल्यू से ज्यादा नोट छापने की।
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