आर एस एस के संस्थापक के बारे मे रोचक तथ्य Philosophy of RSS founder
1. केशव बलिराम हेडगेवार इनका जन्म नागपुर मे 1898 मे हुआ था।
2. जब मात्र वह 9-10 वर्ष के थे और तीसरी कक्षा मे पढते थे तब इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया के राज्याभिषेक का स्वर्ण महोत्सव मनाया जा रहा था इस अवसर पर सभी स्कूलो मे मिठाइयां बाटी गयी। सभी विद्यार्थियो ने खाया मगर डा. हेडगेवार ने मिठाई कचरे के डिब्बे मे फेक दी।
3. हिन्दुस्तान मे एक समय ऐसा भी था कि वंदेमातरम बोलना अपराध था।
जब हेडगेवार जी दसवी कक्षा मे थे तब स्कूल मे निरिक्षण इंस्पेक्टर आने वाले थे। सभी सहपाठियो को इकट्ठा करके निरीक्षण इंस्पेक्टर के आगे वंदेमातरम उदघोषणा की जिसकी वजह से डा. हेडगेवार जी को स्कूल से निकाल दिया गया ।
4. यवतमाल मे तपस्वी बाबासाहेब परांजय के स्कूल मे प्रवेश लिया मगर अंग्रेजो ने उसे भी बंद करवा दिया ।
5. स्कूल बंद होने के बाद हेडगेवार जी और उनके कुछ मित्र पुणे चले गए और वहां कलकत्ता के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े स्कूल मे प्रवेश लिया । करीब दो महीने पुणे मे रहे और बाद मे अमरावती मे मैट्रिक की परीक्षा दी और उत्तीर्ण हुए ।
6. हेडगेवार जी 1910 मे कलकत्ता गये तथा 1914 मे एल एम एंड एस की उपाधि प्राप्त की। 1 वर्ष तक कलकत्ता मे ही रहे। 1916 मे नागपुर वापस लौट आए ।
7. नागपुर मे 1920 के कांग्रेस अधिवेशन मे डाॅ. हेडगेवार ने प्रस्ताव रखा कि कांग्रेस का उद्देश्य भारत की पूर्ण स्वतंत्र कर भारतीय गणतंत्र की स्थापना करने का होना चाहिए ।
8. डा. हेडगेवार 19 अगस्त 1921 से 11 जुलाई 1922 तक जेल मे रहे ।
9. 12 जुलाई को जेल से छूटने के बाद हेडगेवार जी के समान मे नागपुर मे एक सार्वजनिक सभा का आयोजन हुआ था ।
इस समारोह मे प्रांतीय नेताओ के साथ साथ कांग्रेस के अन्य राष्ट्रीय नेता हकीम हजमल खां , पंडित मोतीलाल नेहरू, राजगोपाल चारी, डा. अंसारी, विट्ठल भाई पटेल भी स्वागत मे उपस्थित रहे।
10. 1925 मे दशहरे के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की ।
11. हेडगेवार जी ने संघ की शुरुआत 10-14 साल के बच्चो किशोरो के लिए प्रतिदिन की शाखा शुरु की।
12. 1939 तक संघ की प्रार्थना आधी मराठी और आधी हिंदी मे थी।
13. 21 जून 1940 को डा. हेडगेवार जी का स्वर्गवास हो गया उस वर्ष बिमारी की वजह से वे संघ शिक्षा मे नही जा पाए थे।
14. 3 जुलाई 1940 को डाक्टर जी की तेरहवी के दिन औपचारिक रूप से सभी स्वयंसेवको के सामने विदर्भ प्रांत के संघचालक श्री बाबासाहेब सदाशिव गोवलकर के नाम की घोषणा कर दी। वह 33 वर्षो तक इस पद पर रहे।
15. डॉक्टर जी ने मरने से एक दिन पहले ही 20 जून 1940 को माधव सदाशिव गोवलकर को कहा कि अब आपको ही संघ का कार्य करना है।